मेरी आँखों में चमकते तारे
तू न आया तो बरस जाएँगे
तू जो आया तो थम न पाएँगे
इनकी फितरत ही कुछ ऐसी है
ये हैं तो मेरे...पर हैं तेरे लिए
रोज़ चले आते हैं ये सांझ ढले
रात भर पलकों पे डब-डबाते हैं
सुबह होते ही छलक जाते हैं
खाली कर जाते हैं निगाहें मेरी
तेरे ख्वाबो के तलबगार हैं ये
तू न आया तो बरस जाएँगे
तू जो आया तो थम न पाएँगे
इनकी फितरत ही कुछ ऐसी है
ये हैं तो मेरे...पर हैं तेरे लिए
रोज़ चले आते हैं ये सांझ ढले
रात भर पलकों पे डब-डबाते हैं
सुबह होते ही छलक जाते हैं
खाली कर जाते हैं निगाहें मेरी
तेरे ख्वाबो के तलबगार हैं ये