- आओ कभी यूँ भी मेरे पास के.....आने में लम्हा और जाने में ज़िन्दगी गुज़र जाए.....
- ऐसे मौसम में यूँ जुदा रहना........कुफ़्र है और कुछ नहीं साहिब !
( हमारी तरफ बिन मौसम बादलों ने मौसम ख़ुशगवार कर दिया है...:))
- लफ़्ज़ों का ताना-बाना बुनने वाला जुलाहा सारी उम्र ख़्वाब बुनता रहा...और खुद किसी का ख़्वाब न बना...
-अमृता प्रीतम ....साहिर के लिए-
- अच्छे लोगों को तो सभी पसंद करते हैं....है कोई तलब'गार के बहुत बुरे हैं हम....
- ऐसे मौसम में यूँ जुदा रहना........कुफ़्र है और कुछ नहीं साहिब !
( हमारी तरफ बिन मौसम बादलों ने मौसम ख़ुशगवार कर दिया है...:))
- लफ़्ज़ों का ताना-बाना बुनने वाला जुलाहा सारी उम्र ख़्वाब बुनता रहा...और खुद किसी का ख़्वाब न बना...
-अमृता प्रीतम ....साहिर के लिए-
- अच्छे लोगों को तो सभी पसंद करते हैं....है कोई तलब'गार के बहुत बुरे हैं हम....