Monday, June 10, 2013

इक अजीब सी धुन है....गुनगुनाते हुए बहुत पहचानी सी लगती है ....यूँ याद नहीं रहती .....अनायास ही मन गुनगुनाता है ...और फिर उदास हो जाता है ....

1 comment:

  1. यहां आपकी पोस्‍ट को कैसे पढ़ा जाए अनिता जी

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