अरी सुनो !
कितनी तो सुहानी सुबह है ये
जैसे पहली बार उतरी है धरती पर आज
हमेशा की तरह
तुम्हारी आँखों में ये जो हैरानी सी है
बहुत जानी पहचानी पुरानी सी है
कितनी तो सुहानी सुबह है ये
जैसे पहली बार उतरी है धरती पर आज
हमेशा की तरह
तुम्हारी आँखों में ये जो हैरानी सी है
बहुत जानी पहचानी पुरानी सी है
ये जो बदला हुआ सा मंज़र दिखाई देता है
दरअसल वो किसी के होने से है
किसी के होने को यूँ हैरानी से न देखो
तुमसा मासूम भी कोई दुनियाँ में है
अपनी परवाज़ उसे दे दो
ओ! नीले पंखों वाली चिड़िया
कि नीले सपनो की दुनियाँ आसमान छू सके
दरअसल वो किसी के होने से है
किसी के होने को यूँ हैरानी से न देखो
तुमसा मासूम भी कोई दुनियाँ में है
अपनी परवाज़ उसे दे दो
ओ! नीले पंखों वाली चिड़िया
कि नीले सपनो की दुनियाँ आसमान छू सके
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