अभी-अभी देखा कि आज Rose Day है -
आँगन में खिले गुलाब से लिपटकर आती हवा गुलाबी
मन में खिल गए हैं अब इतने गुलाब कि
तुम्हारी याद से हो गई हैं आँखें पुर'आब
गुलाबी मौसम की....गुलाबी शाम में
कितनी तरह से खिलते हैं तेरी
यादों के गुलाब...
( आख़िर प्रिय फूल भी तो है )
आँगन में खिले गुलाब से लिपटकर आती हवा गुलाबी
मन में खिल गए हैं अब इतने गुलाब कि
तुम्हारी याद से हो गई हैं आँखें पुर'आब
गुलाबी मौसम की....गुलाबी शाम में
कितनी तरह से खिलते हैं तेरी
यादों के गुलाब...
( आख़िर प्रिय फूल भी तो है )
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